What is Computer Memory in Hindi, Types of Memory: Volatile व non Volatile मेमोरी क्या होती है

हम सभी अपने कंप्यूटर और मोबाइल में फोटो, गाने, वीडियो, गेम्स और और भी बहुत कुछ Store करते हैं। याने save करते है। जब हम किसी फोटो को देखते हैं या गाना सुनते हैं, तो हमें यह अहसास होता है कि ये सभी चीजें हमेशा हमारे साथ हैं। पर कभी-कभी हम सोचते हैं कि ये सभी डाटा हमारे डिवाइस में कैसे स्टोर होता है? इसका सीधा जवाब है ‘मेमोरी’। आज हम इसी ‘कंप्यूटर मेमोरी’ के बारे में बात करेंगे। जानेंगे कि मेमोरी क्या है, इसके कितने प्रकार होते हैं और यह कैसे काम करती है। तो चलो, इस रोचक और महत्वपूर्ण विषय पर थोड़ी और बातचीत करते हैं।

Computer Memory क्या है?

जब हम ‘Memory’ की बात करते हैं, तो आमतौर पर हम कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य डिजिटल devices में stored जानकारी या डाटा की बात करते हैं। Memory वह जगह है जहाँ हमारे उपकरण जानकारी को स्टोर करते हैं ताकि जब हमें जरूरत हो, हम उसे फिर से देख सकें या उसे पुनः प्रयोग कर सकें।

कंप्यूटर मेमोरी का Behavior दो Type का होता है:

  1. वॉलाटाइल मेमोरी (Volatile Memory): यह वह मेमोरी है जो केवल तब तक जानकारी को Store करती है जब तक कंप्यूटर चालू होता है। जैसे ही कंप्यूटर बंद होता है, इस मेमोरी में Store जानकारी हट जाती है। RAM (Random Access Memory) इस प्रकार की मेमोरी का एक उदाहरण है।
  2. नॉन-वॉलाटाइल मेमोरी (Non-Volatile Memory): यह वह मेमोरी है जो जानकारी को स्थायी रूप से Store करती है, चाहे कंप्यूटर चालू हो या बंद। इस मेमोरी में Store जानकारी को तब तक नहीं मिटाया जा सकता जब तक कोई User खुद उसे मिटा न दे। Hard Drive, SSD (Solid State Drive) और Flash Drive इस प्रकार की मेमोरी के उदाहरण हैं।

इस प्रकार, Memory कंप्यूटर और अन्य Digital Devices में जानकारी को Store करने के लिए बहुत important है। यह हमें अपनी जरूरी फाइलों, डॉक्यूमेंट्स, फोटो और अन्य डाटा को सुरक्षित रूप से store करने में मदद करता है।

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार व Memory कैसे काम करती है

Computer Memory को मुख्य रूप से दो भागो मे बांटा गया है। यहा हमने दोनों Types को in detail समझाया है साथ ही हर type मे किस तरह की memory आती है उसके बारे मे भी बताया है तो इसे शुरू से एंड तक पढे ओर समझे:

1 – Primary Memory (प्राथमिक मेमोरी):

प्राथमिक मेमोरी कंप्यूटर की वह मेमोरी है जिसे सीधे प्रोसेसर उपयोग करता है। यह मेमोरी ताज़ा(Current) जानकारी को store करती है जिसे प्रोसेसर तुरंत पढ़ और लिख सकता है। प्राथमिक मेमोरी कंप्यूटर की वह मेमोरी है जिसे सीधे प्रोसेसर उपयोग करता है। इसके दो मुख्य प्रकार हैं ओर एक अन्य मेमोरी भी है जिसके बारे मे नीचे बताया गया है:

  • RAM (Random Access Memory): RAM एक Volatile Memory है, जिसका मतलब है कि जब कंप्यूटर बंद होता है, तो इसमें संग्रहित(Stored) डाटा हट जाता है। जब कंप्यूटर चालू होता है, तो उसके Operating System (OS) और अन्य प्रोग्राम RAM में लोड होते हैं। RAM Current जानकारी याने instructions ओर data को Store करता है जिसे प्रोसेसर तुरंत पढ़ और लिख सकता है।
  • ROM (Read-Only Memory): ROM Non-Volatile है, जिसमें पूर्व-निर्धारित जानकारी(Instructions/Programs) होती है जिसे बदला नहीं जा सकता। ROM में वह जानकारी होती है जिसे कंप्यूटर को बूट करने के लिए जरूरत होती है। यह जानकारी स्थायी होती है और इसे बदला नहीं जा सकता।
  • Cache Memory: यह एक विशेष प्रकार की तेज़ मेमोरी है जो प्रोसेसर के पास होती है। इसमें वह जानकारी Store होती है जिसे प्रोसेसर बार-बार पढ़ता है, ताकि Processing तेज हो। उदाहरण: जब हम किसी बड़े प्रोग्राम को चलाते हैं, तो उस प्रोग्राम के अक्सर उपयोग किए जाने वाले हिस्से कैश मेमोरी में Store होते हैं। प्रोसेसर के पास एक छोटी और तेज़ मेमोरी होती है जिसे कैश मेमोरी कहते हैं। इसमें वह data Store होता है जिसे प्रोसेसर बार-बार पढ़ता है, ताकि प्रोसेसिंग तेज हो।

2 – Secondary Memory (द्वितीयक मेमोरी):

द्वितीयक मेमोरी कंप्यूटर की वह मेमोरी है जिसमें डाटा को स्थायी रूप से संग्रहित किया जाता है। यह मेमोरी Primary Memory से ज्यादा Capacity(Size) प्रदान करती है और डाटा को सुरक्षित रखती है, चाहे कंप्यूटर चालू हो या बंद। सेकंडरी मेमोरी के प्रकार:

  • Hard Disk Drive (HDD): यह एक प्रकार की मेमोरी है जिसमें डाटा Magnetic तरीके से Store होता है। HDD में डाटा मैगनेटिक प्लेट्स पर Store होता है। सामान्य तोर पर कम्प्युटर मे HDD का उपयोग करते है। जब हम किसी फ़ाइल को Store करते हैं, तो वह डाटा HDD में Store हो जाता है।
  • Solid State Drive (SSD): SSD फ्लैश मेमोरी पर आधारित है और यह HDD से अधिक तेज होता है। इसमें कोई घूमने वाला हिस्सा नहीं होता, इसलिए यह HDD से अधिक तेज़ होता है। ये HDD के comparison मे तेज होती है read write की speed ज्यादा होती है साथ ही अधिक costly भी होती है।
  • Optical Drives (CD, DVD, Blu-ray): ये Disk पर जानकारी Store करने वाले ड्राइव हैं। जब हम डाटा को एक CD या DVD में Write करते है या store करते हैं, तो वह डाटा उस डिस्क पर स्टोर हो जाता है।
  • Flash Memory (USB Drives/Pen Drives): यह पोर्टेबल मेमोरी है जिसे हम अन्य डिवाइस में डाटा ट्रांसफर के लिए उपयोग कर सकते हैं। जब हम डाटा को पेन ड्राइव में Store करते हैं, तो वह डाटा फ्लैश मेमोरी में Store होता है।

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ROM (Read-Only Memory) के प्रकार

ROM क्या है ये हमने ऊपर बता दिया है। उसे पढे। अब इसके कुछ खास types है जो हमने नीचे बताए हुए है। एक एक करके पढे ओर समझे।

  1. MROM (Masked ROM):
    • क्या है: MROM को पहली बार बनाते समय ही प्रोग्राम किया जाता है। इसे एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है और इसे बाद में बदला नहीं जा सकता।
    • उपयोग: यह उन डिवाइसेस में उपयोग होता है जिन्हें बदला नहीं जाना चाहिए, जैसे कि कैलकुलेटर्स।
  2. PROM (Programmable ROM):
    • क्या है: PROM को उपयोगकर्ता एक बार प्रोग्राम कर सकता है, लेकिन इसे फिर से बदला नहीं जा सकता।
    • उपयोग: जब उपयोगकर्ता को Special जानकारी store करनी होती है जिसे बदला नहीं जाना चाहिए।
  3. EPROM (Erasable Programmable ROM):
    • क्या है: EPROM को प्रोग्राम किया जा सकता है और इसे फिर से बदला भी जा सकता है। इसे मिटाने के लिए अल्ट्रावायलेट प्रकाश की जरूरत होती है।
    • उपयोग: जब उपयोगकर्ता को जानकारी को बार-बार बदलने की जरूरत होती है।
  4. EEPROM (Electrically Erasable Programmable ROM):
    • क्या है: EEPROM को बिना किसी विशेष उपकरण के इलेक्ट्रिकली प्रोग्राम किया जा सकता है और मिटाया जा सकता है।
    • उपयोग: जब Users को जानकारी को बार-बार बदलने की जरूरत होती है और वह इसे तेजी से करना चाहता है।
  5. Flash ROM:
    • क्या है: Flash ROM EEPROM का एक प्रकार है, लेकिन इसमें डाटा को ब्लॉक-ब्लॉक में मिटाया जाता है, न कि बाइट-बाइट।
    • उपयोग: मोबाइल फ़ोन्स, MP3 प्लेयर्स और अन्य पोर्टेबल डिवाइसेस में उपयोग होता है।

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RAM (Random Access Memory) के प्रकार

Ram क्या है व कैसे काम करती है इसके बारे मे ऊपर हमने बता दिया है। यहा हम RAM के कुछ मुख्य types के बारे मे बताने जा रहे है जिसे ध्यान से पढे ओर समझे:

  • SRAM (Static RAM):
    • क्या है: SRAM एक प्रकार की RAM है जिसमें डाटा Store होता है जब तक पावर सप्लाई चालू होती है। इसे बार बार Refresh करने की जरूरत नहीं होती।
    • उपयोग: SRAM को कैश मेमोरी में उपयोग किया जाता है क्योंकि यह तेज़ होता है।
  • DRAM (Dynamic RAM):
    • क्या है: DRAM एक प्रकार की RAM है जिसमें डाटा Store होता है, लेकिन इसे नियमित रूप से चलाये रखने के लिए इसे रिफ्रेश रखना पढ़ता है। इसका मतलब है कि इसे बार बार Refresh की जरूरत होती है।
    • उपयोग: DRAM को मुख्य मेमोरी में उपयोग किया जाता है क्योंकि यह सस्ता होता है।
  • SDRAM (Synchronous Dynamic RAM):
    • क्या है: SDRAM एक प्रकार की DRAM है SDRAM कंप्यूटर के क्लॉक की गति पर ही डाटा प्रोसेस करता है, जिससे यह तेज़ काम करता है।
    • उपयोग: यह 1990 के दशक में पॉपुलर हुआ था और आज भी कई सिस्टम्स में उपयोग होता है।
  • DDR SDRAM (Double Data Rate Synchronous Dynamic RAM):
    • क्या है: DDR SDRAM डाटा को दोगुनी Speed से Process करता है, जिससे यह पिछले Version से अधिक तेज़ होता है। इसके विभिन्न Versions हैं जैसे DDR2, DDR3, और DDR4, जो हर नए वर्जन में तेज़ी और सुधार होता है।
    • उपयोग: आधुनिक कंप्यूटर्स और गेमिंग सिस्टम्स में उपयोग होता है।

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Cache Memory के प्रकार

Cache Memory क्या होती है व कैसे काम करती है इसके बारे मे ऊपर हमने बता दिया है अब बात करते है की Cache Memory के types कितने होते है।

  1. L1 Cache (Level 1 Cache):
    • क्या है: L1 Cache प्रोसेसर के चिप पर ही होता है और यह सबसे तेज़ होता है। इसका आकार छोटा होता है, लेकिन इसकी गति सबसे अधिक होती है।
    • उपयोग: यह वह जानकारी Store करता है जिसे प्रोसेसर बार-बार पढ़ता है।
  2. L2 Cache (Level 2 Cache):
    • क्या है: L2 Cache प्रोसेसर के पास ही होता है, लेकिन यह L1 Cache से बाहर होता है। इसका आकार L1 Cache से बड़ा होता है, लेकिन इसकी गति L1 Cache से कम होती है।
    • उपयोग: जब L1 Cache में जानकारी नहीं होती, तो प्रोसेसर L2 Cache में जानकारी खोजता है।
  3. L3 Cache (Level 3 Cache):
    • क्या है: L3 Cache मध्य प्रोसेसर और मुख्य मेमोरी के बीच होता है। इसका आकार L2 Cache से भी बड़ा होता है, लेकिन इसकी गति L2 Cache से कम होती है।
    • उपयोग: जब L1 और L2 Cache में जानकारी नहीं होती, तो प्रोसेसर L3 Cache में जानकारी खोजता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, कंप्यूटर मेमोरी जैसे RAM, ROM और Cache हमारे कंप्यूटर के दिल और दिमाग की तरह हैं। ये सभी मिलकर हमारे कंप्यूटर को तेज़ और स्मार्ट बनाते हैं। अगर आप अच्छा प्रदर्शन चाहते हैं, तो इन मेमोरी टाइप्स को समझना बहुत जरूरी है। यहा हमने Computer Memory क्या है व कैसे काम करती है साथ ही RAM, Cache ओर ROM Memory के types ओर uses की भी जानकारी दी है। आशा है, आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

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