Very Short Story in Hindi with Moral: शॉर्ट स्टोरी इन हिन्दी

आज मैं आपके लिए एक बहुत ही खास चीज लेकर आया हूँ। याद है वो दिन जब हमारी दादी-नानी हमें छोटी-छोटी कहानियाँ सुनाया करती थीं? वो कहानियाँ जिनके साथ एक मीठा सा संदेश भी होता था, जो हमें जीवन की महत्वपूर्ण सीख दे जाता था। आज मैं उसी तरह की एक बहुत ही प्यारी और सीख देने वाली कहानी आपके साथ बांटने जा रहा हूँ।

आपके पास अगर समय कम है, तो भी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि यह “Very Short story in Hindi with moral” है जो आपको ना केवल एक नैतिक सिख देगी, बल्कि आपके दिल को भी छू लेगी।

तो चलिए, बिना किसी देरी के, इस छोटी सी कहानी के सफर पर चलते हैं और देखते हैं इन short moral stories in Hindi को।

1 आशा का पुस्तकालय: Library of Ashaa short unique story

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में ‘आशा’ नाम की एक युवती रहती थी। आशा बहुत ही परिश्रमी और दयालु थी। उसका सपना था कि वह अपने गाँव में एक छोटा सा पुस्तकालय खोले, जहाँ सभी गाँववाले पढ़ने के लिए जा सकें। लेकिन उसके पास न तो पर्याप्त धन था और न ही संसाधन।

एक दिन आशा ने गाँववालों से अपने सपने के बारे में बात की। कुछ लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन कुछ बुजुर्गों ने उसे आशीर्वाद दिया। उसने हार नहीं मानी और पेसे इकट्ठा करने के लिए अनेकों उपाय किए। वह गाँव में पाठशाला लगाकर बच्चों को पढ़ाने लगी और बदले में जो कुछ भी मिलता, उसे पुस्तकालय के लिए बचाने लगी।

महीनों बीत गए, और आशा की मेहनत रंग लाने लगी। जिन बच्चों को वह पढ़ाती थी, उन्होंने अपने माता-पिता से आशा के पुस्तकालय के सपने के बारे में बात की। बच्चों की मासूमियत और आशा की सच्ची लगन ने गाँववालों के दिल को छू लिया। धीरे-धीरे, गाँववाले भी उसकी मदद करने लगे। कोई पैसे देता, तो कोई किताबें दान करता।

अंततः, आशा का सपना सच हो गया। उसने अपने पुस्तकालय का उद्घाटन किया जिसमें सभी तरह की किताबें थीं। बच्चे हो या बुजुर्ग, सभी ने पुस्तकालय में आना शुरू कर दिया। आशा की मेहनत और दृढ़ निश्चय ने न केवल उसका बल्कि पूरे गाँव का जीवन बदल दिया।

कहानी की सीख: अगर हम अपने सपनों के प्रति सच्ची लगन और कठिन परिश्रम दिखाएँ तो दुनिया का कोई भी कोना हमारे सपनों को सच होने से नहीं रोक सकता। और जब हमारी मेहनत शुद्ध और निस्वार्थ होती है, तो समाज भी हमें सहारा देता है।

2 वीणा का विश्वास: Veena’s faith short bird story in Hindi

एक जंगल में ‘वीणा’ नाम की एक चिड़िया रहती थी। वीणा बहुत ही मधुर गाती थी, लेकिन वह हमेशा डरी रहती थी कि जंगल के अन्य प्राणी उसकी आवाज़ का मजाक उड़ाएंगे। इस भय के कारण वीणा कभी भी खुलकर नहीं गाती थी।

एक दिन जंगल में एक बड़ा तूफान आया। बारिश इतनी तेज़ थी कि सभी प्राणियों को अपने घरों में ही रहना पड़ा। इस तूफान ने जंगल में बहुत नुकसान किया और सबकी उम्मीदें टूट गईं। तूफान के बाद का जंगल बहुत सुनसान और शांत लग रहा था। सभी प्राणी दुखी थे और उनके चेहरे पर मुस्कान तक नहीं थी।

वीणा ने देखा कि उसके दोस्त और दूसरे जंगली प्राणी कितने दुखी हैं, और उसने फैसला किया कि वह गाकर उनके दिलों में फिर से उम्मीद जगाएगी। वीणा ने अपने डर को परे रखा और सबसे ऊँचे पेड़ पर बैठकर गाना शुरू किया। उसकी मधुर आवाज सुनकर जंगल में फिर से जीवन की आशा जाग उठी।

उसके गाने से प्रेरित होकर, जंगल के सभी प्राणी एकजुट हो गए और अपने जंगल को फिर से खूबसूरत बनाने के लिए काम करने लगे। वीणा के विश्वास ने उसे न सिर्फ अपने भय पर जीत हासिल की, बल्कि साथ ही साथ जंगल की आत्मा को भी फिर से जगा दिया।

कहानी की सीख: हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा विश्वास होता है। जब हम अपने डर पर विजय पाकर आगे बढ़ते हैं, तो हम न केवल अपनी, बल्कि दूसरों की ज़िंदगियों में भी उम्मीद की किरण जगा सकते हैं।

3 रोशनी का रास्ता: Path of light Very Short Story in Hindi with Moral

एक छोटे से गाँव में ‘रोहन’ नाम का एक लड़का रहता था, जो अपनी दादी के साथ रहता था। रोहन की दादी बहुत बीमार रहती थीं और रोहन उनकी देखभाल में हमेशा खड़ा रहता। वह जंगल से लकड़ियां बीनकर और गाँव के बाज़ार में बेचकर अपने घर का खर्च चलाता था।

एक दिन रोहन जंगल में लकड़ियां बीन रहा था, तभी उसे एक बेहद चमकीला पत्थर मिला। वह पत्थर इतना सुंदर था कि रोहन ने फैसला किया कि वह इसे अपनी दादी को उपहार में देगा। लेकिन जब वह गाँव वापस आया, तो उसने सुना कि गाँव के लोगों को पानी की सख्त ज़रूरत है क्योंकि गाँव का एकमात्र कुआँ सूख चुका था।

रोहन के पास एक मुश्किल फैसला था। वह पत्थर को बाज़ार में बेच सकता था और अच्छी कीमत पा सकता था, जिससे उसकी दादी की दवाईयां और अन्य ज़रूरतें पूरी हो सकती थीं। लेकिन वही पत्थर गाँव के लोगों को पानी दिला सकता था, क्योंकि उसकी चमक एक नए स्रोत को ढूंढने में मदद कर सकती थी।

अंत में, रोहन ने पत्थर को गाँव के सरपंच को दे दिया, जिसने उसे नए पानी के स्रोत की खोज में मदद की। उस पत्थर की रोशनी से गाँव वालों को एक नया और समृद्ध कुआँ मिला, जिससे सभी की पानी की समस्या हल हो गई। गाँव वालों ने रोहन की उदारता को देखते हुए उसकी और उसकी दादी की मदद करने का निर्णय लिया और उन्हें जरूरत की हर चीज़ मुहैया कराई।

कहानी की सीख: कभी-कभी हमें अपनी निजी ज़रूरतों से बड़ी सामुदायिक भलाई के लिए कदम उठाना पड़ता है। एक व्यक्ति की उदारता पूरे समाज को प्रेरित कर सकती है और बदले में, समाज भी उस व्यक्ति की सहायता करता है।

4 माली का गुलाब: Gardener’s Rose kids short stories in Hindi

एक गाँव में गोपाल नाम का एक बुजुर्ग माली रहता था, जिसे फूलों से बेहद प्यार था। उसका बगीचा उसके प्यार और ध्यान से भरपूर था। सबसे खास था उसका एक गुलाब का पौधा, जिसे वह रोज़ पानी देता और उसकी देखभाल करता। उस पौधे से खिले गुलाब इतने सुंदर होते कि पूरे गाँव में उसकी चर्चा होती।

एक रात, एक चोर ने गोपाल के बगीचे में प्रवेश किया और उस खास गुलाब को चुरा लिया। जब गोपाल सुबह उठा और देखा कि उसका प्रिय गुलाब गायब है, तो उसका दिल टूट गया। वह दुखी होकर गाँव वालों के पास गया और सबको बताया।

गाँव वाले गोपाल के प्यार और समर्पण को जानते थे। उन्होंने तय किया कि वे गोपाल की मदद करेंगे। प्रत्येक परिवार ने अपने बगीचे से एक-एक पौधा लाकर गोपाल के बगीचे में लगाया। इस प्रेम को देखकर गोपाल की आंखें नम हो गईं।

जिस चोर ने गुलाब चुराया था, उसे जब यह पता चला कि पूरा गाँव गोपाल के साथ कैसे खड़ा है, तो उसे बहुत अफसोस हुआ। उसने रात को ही गुलाब को वापस लगा दिया और अगले दिन गाँव के सामने आकर माफी मांगी। गोपाल ने दिल से उसे माफ कर दिया और चोर ने भी गोपाल की मदद करने का वादा किया।

कहानी की सीख: प्रेम और साझेदारी की शक्ति से किसी भी व्यक्ति का हृदय परिवर्तित हो सकता है। जब हम दूसरों को माफ करते हैं और सहयोग का हाथ बढ़ाते हैं, तो हम न केवल अपने जीवन को बल्कि समाज को भी समृद्ध बनाते हैं।

5 अर्जुन का धनुष: Arjuna’s bow Motivation Short Story in Hindi

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में ‘अर्जुन’ नामक एक युवक रहता था। वह धनुर्विद्या में अपने कौशल के लिए प्रसिद्ध था। गाँव के लोग उसकी प्रशंसा करते नहीं थकते थे। लेकिन अर्जुन को अपनी प्रतिभा पर अहंकार हो गया था।

एक दिन, गाँव में एक बूढ़ा साधु आया और उसने अर्जुन को चुनौती दी कि वह अपने तीर से एक दूर स्थित पेड़ पर लगे फल को निशाना बनाए। अर्जुन ने चुनौती स्वीकार कर ली, सोचकर कि यह उसके लिए एक आसान काम होगा।

जब अर्जुन ने निशाना साधा और तीर छोड़ा, तो वह हैरान रह गया क्योंकि तीर फल से कोसों दूर चला गया। वह बार-बार कोशिश करता रहा, लेकिन हर बार उसका निशाना चूक जाता। उसका अहंकार उसके कौशल को ओर धुंधला कर रहा था।

अंत में, थक हारकर उसने साधु से पूछा कि उसके तीर क्यों नहीं लग रहे। साधु मुस्कुराए और बोले, “अर्जुन, तुम्हारा कौशल उच्च है, लेकिन तुम्हारा अहंकार तुम्हें वास्तविकता देखने से रोक रहा है। सच्चा निशानेबाज वह होता है जो संयम और विनम्रता से काम लेता है।”

अर्जुन को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने साधु से क्षमा मांगी। उसने अपने अहंकार को त्याग दिया और संयम और विनम्रता के साथ फिर से प्रयास किया। इस बार, उसका तीर सीधा फल पर लगा।

कहानी की सीख: किसी भी कौशल या प्रतिभा का अभ्यास करते समय, विनम्रता और संयम बहुत जरूरी हैं। अहंकार हमारी क्षमताओं को धुंधला सकता है और हमें वास्तविकता से दूर कर सकता है।

6 सरिता का संकल्प: Sarita’s resolve Very Short story in Hindi with Moral

सरिता नाम की एक छोटी लड़की थी, जो एक पहाड़ी गांव में रहती थी। गांव के बच्चों को स्कूल जाने के लिए रोज़ एक बड़ी नदी पार करनी पड़ती थी। बरसात के दिनों में नदी का पानी इतना बढ़ जाता कि पार करना खतरनाक हो जाता।

एक वर्ष, मॉनसून की शुरुआत में ही भारी बारिश से नदी उफान पर आ गई। सरिता और अन्य बच्चों के लिए स्कूल जाना असंभव हो गया। गांववाले चिंतित थे, लेकिन उनके पास पुल बनवाने के संसाधन नहीं थे। सरिता को शिक्षा की बहुत कद्र थी, और उसने फैसला किया कि वह कुछ करेगी।

सरिता ने गांव के बच्चों को इकट्ठा किया और उनसे कहा कि वे सभी मिलकर एक छोटा पुल बनाएंगे। शुरुआत में तो बच्चे हिचकिचाए, लेकिन सरिता के संकल्प ने उन्हें प्रेरित किया। वे सब लकड़ियां, रस्सियां और पत्थर इकट्ठा करने लगे।

धीरे-धीरे, गांववाले भी बच्चों के इस प्रयास से प्रेरित होकर उनकी मदद करने लगे। एकजुट होकर पूरे गांव ने मिलकर एक मजबूत पुल बनाया जो बरसात में भी स्कूल जाने का रास्ता प्रदान करता था।

कहानी की सीख: एक छोटी सी संकल्प शक्ति समुदाय को एकजुट कर सकती है और बड़े परिवर्तन की दिशा में प्रेरित कर सकती है। जहां एकता होती है, वहां बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव होता है।

7 दो मित्रों की सच्ची दोस्ती: True Friendship of Two Friends Best Moral stories in Hindi

किशन और मोहन बचपन के मित्र थे। दोनों एक दूसरे की हर मुश्किल में साथ खड़े रहते थे। एक दिन, किशन को बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। उसका खेत सूख गया और उसके पास खाने को कुछ नहीं बचा। उसने मोहन से मदद मांगी।

    मोहन ने बिना सोचे-समझे किशन की मदद की और अपने खेत से उसे अनाज और पैसे दिए। किशन ने कहा, “मैं यह कर्ज कभी नहीं भूलूंगा और इसे जल्द ही लौटा दूंगा।” लेकिन मोहन ने मुस्कुराते हुए कहा, “मित्रता में कर्ज नहीं होता। तुम्हारी मदद करना मेरा कर्तव्य है।”

    किशन ने मोहन की मदद से अपने खेत को फिर से सींचा और मेहनत से काम किया। धीरे-धीरे उसकी फसल फिर से अच्छी होने लगी। उसने अपनी मेहनत और मोहन की मदद से अपने जीवन को सुधार लिया।

    कुछ साल बाद, मोहन को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। तब किशन ने बिना देर किए मोहन की मदद की और उसे फिर से सफल बनाया।

    कहानी की सीख: सच्ची मित्रता में स्वार्थ नहीं होता और एक-दूसरे की मदद करना सबसे बड़ा कर्तव्य होता है।

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    निष्कर्ष

    तो दोस्तों, यह थी हमारी आज की छोटी सी कहानीया जिसमें हमने जीवन की एक बहुत बड़ी सीख देखी। कहानी भले ही छोटी हो, पर इसका संदेश गहरा होता है। हमें उम्मीद है की कहानिया आपको अच्छी लगी होगी।अगर आपको हमारा यह “Very Short story in Hindi with moral” आर्टिकल पसंद आया हो,

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