Kernel क्या है, कैसे काम करता है व प्रकार: Kernel Panic जाने

जब भी हम अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन को चालू करते हैं, तो बहुत सारी Process चलने लगती हैं, जिनका हमें पता भी नहीं चलता। आपने कभी सोचा है कि जब हम किसी एप्लिकेशन को चालू करते हैं, तो वह कैसे चलता है? या जब हमें कोई फ़ोटो खिचनी होती है, तो कैमरा कैसे खुलता है? इस सबका जवाब है – ‘कर्नेल’।

आज हम आपको इसी deep process के बारे में जानकारी देंगे, जिसे जानकर आपको समझ में आएगा कि आपके डिवाइस में कर्नेल कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तो आइए, इस यात्रा में हमारे साथ जुड़ें और जानें कि Kernel क्या है और यह कैसे काम करता है, इसके types व अपडेट कैसे करे। विश्वास मानिए, आपको यह जानकारी पढ़कर अच्छा लगेगा और आपकी तकनीकी समझ में भी वृद्धि होगी। चलिए शुरू करते हैं!

Kernel क्या है (What is Kernel)

kernel क्या होता है… आज के डिजिटल युग में, हम अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य डिवाइसेस का उपयोग रोजाना करते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम किसी एप्लिकेशन को खोलते हैं या किसी गेम को खेलते हैं, तो वह सब कैसे होता है? ये सब ‘कर्नेल’ से होता है।

कर्नेल, एक ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य हिस्सा है, जो हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच एक पुल की तरह काम करता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा दिए गए सभी आदेश हार्डवेयर तक पहुंचते हैं और फिर उससे response भी आपको मिलता है। चाहे वह एक मैसेज भेजना हो, वीडियो देखना हो या कोई डॉक्यूमेंट सेव करना हो – सभी में कर्नेल मुख्य भूमिका निभाता है।

तो अगली बार जब आप अपने फोन को स्वाइप करेंगे या कंप्यूटर पर कुछ टाइप करेंगे, तो सोचिए कि वहाँ एक ‘कर्नेल’ है जो आपके हर कार्य को सहज और स्मूथ बनाता है। Kernel kya hai ये तो समज ही गए होंगे लेकिन ये कितने types का है ये जान लीजिये। जो काफी important है।

कर्नेल के प्रकार(Types of Kernel)

हमारे कंप्यूटर की दुनिया में, कर्नेल कई प्रकार के होते हैं। इसे समझना काफी आसान है व हर अलग-अलग प्रकार का कार्य अलग होता हैं – हर एक की अपनी खासियत होती है। चलिए, कुछ प्रमुख प्रकार जानते हैं:

मोनोलिथिक कर्नेल (Monolithic Kernel):

  • इस प्रकार के कर्नेल में सभी सेवाएं – जैसे फ़ाइल सिस्टम, ड्राइवर्स, नेटवर्क प्रोटोकॉल्स – सभी functions एक ही जगह पर चलते हैं।
  • यह काफी अच्छा चलता है और बढ़ा भी होता है, लेकिन अगर कुछ गड़बड़ हो जाए तो पूरे सिस्टम पर असर पड़ सकता है।

माइक्रोकर्नेल (Microkernel):

  • इसमें सिर्फ अधिकांश जरूरी services ही कर्नेल में चलती हैं, और बाकी की services बाहर चलती हैं।
  • इसका मतलब है कि यदि किसी एक Service में समस्या आती है, तो पूरे सिस्टम पर ज्यादा असर नहीं होगा। लेकिन इसे चलाना थोड़ा धीमा होता है मोनोलिथिक कर्नेल की तुलना में। ये काफी धीरे वर्क करता है।

हाइब्रिड कर्नेल (Hybrid Kernel):

  • यह दोनों – मोनोलिथिक और माइक्रोकर्नेल – के बीच का संयोजन है।
  • इसमें ज्यादातर Services मोनोलिथिक तरीके से चलती हैं, लेकिन कुछ खास Services माइक्रोकर्नेल की तरह बाहर चलती हैं।

सोचिए, यह जैसे आपके पास विभिन्न प्रकार की शूज होती हैं – कुछ दौड़ने के लिए, कुछ पार्टी में पहनने के लिए, और कुछ घर पर पहनने के लिए। हर एक की अपनी जरूरत और महत्व है। ठीक इसी तरह, कर्नेल के प्रकार भी होते हैं जो विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं। इससे आपको kernel क्या है व इसके प्रकार मोनोलिथिक और माइक्रोकर्नेल में क्या फर्क है ये समज आ गया होगा।

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कर्नेल क्या काम करता है(How it Works)

जब हम अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर किसी ऐप को खोलते हैं, या जब हमें इंटरनेट ब्राउज़ करना होता है, तो हमें ऐसा लगता है कि यह सभी चीज़ें बहुत ही आसानी से हो रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस सबके पीछे चलने वाली प्रक्रिया क्या है? जी हाँ, उस प्रक्रिया का नाम है ‘कर्नेल’।

  • कर्नेल का मुख्य काम है सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर के बीच कनैक्शन बनाना। जब हम किसी ऐप को चालू करते हैं, तो कर्नेल उस ऐप के आदेशों को हार्डवेयर तक पहुंचाता है, और हार्डवेयर से response प्राप्त करके उसे सॉफ़्टवेयर तक पहुंचाता है।
  • जैसे, अगर आप अपने स्मार्टफोन में वॉल्यूम बढ़ाना चाहते हैं, तो जब आप वॉल्यूम बटन दबाते हैं, तो कर्नेल इस आदेश को समझता है और स्पीकर को आदेश देता है कि वॉल्यूम बढ़ाएं।
  • इसी तरह, कर्नेल हर समय हमारे डिवाइस में चल रहे सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर के बीच के communication को संचालित करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि हमारा डिवाइस सहज और प्रतिक्रियाशील रहे।

यहा तक आपको kernel क्या है ओर कैसे काम करता है। ये समज आ गया होगा अब इसके ओर OS के बीच के अंतर को समज लेते है।

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कर्नेल और ऑपरेटिंग सिस्टम में क्या अंतर है(Difference between kernel and Operating system)

जब हम अपने डिवाइस का उपयोग करते हैं, तो आमतौर पर हमें उसके पीछे चलने वाले तकनीकी पहलुओं का पता नहीं होता। लेकिन जानकारी होना महत्वपूर्ण है। इसलिए आज हम जानेंगे कि ‘कर्नेल’ और ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ में अंत में क्या फर्क है।

  1. ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) वह सॉफ़्टवेयर है जो हमारे डिवाइस को चलाना सिखाता है। वह सभी एप्लिकेशन्स, प्रोग्राम्स और हार्डवेयर के बीच एक संचालक की भूमिका निभाता है। जब हम कहते हैं “Windows” या “Linux” या “Android”, तो हम ऑपरेटिंग सिस्टम की ही बात कर रहे होते हैं।
  2. अब, ‘कर्नेल’ इस ऑपरेटिंग सिस्टम का वह हिस्सा है जो सीधे हार्डवेयर से जुड़ा होता है। यह सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर के बीच एक पुल की भूमिका निभाता है, जैसा कि पहले बताया गया है।
  3. तो, सामान्य शब्दों में कहें तो, ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी जड़ी-बूटी है जिसमें विभिन्न प्रक्रियाएं, सेवाएं, और एप्लिकेशन्स चलती हैं, और कर्नेल वह दिल है जो इस जड़ी-बूटी को संचालित करता है। जैसे हमारे शरीर में दिल और शरीर के अन्य हिस्सों में अंतर होता है, ठीक उसी तरह ऑपरेटिंग सिस्टम और कर्नेल में भी अंतर है।

kernel क्या है ओर operating system जा कार्य किस तरह से इससे अलग है उम्मीद है आपको समज आ गया होगा।

Linux Kernel कैसे काम करता है?

लिनक्स कर्नेल वास्तव में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य हिस्सा है। यह सीधे हार्डवेयर से जुड़ा रहता है और Hardware को Users और अन्य सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन्स के आदेशों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।

  • Resources Manage: जब आपके पास कई प्रोग्राम चल रहे होते हैं, तो कर्नेल यह सुनिश्चित करता है कि सभी को समय समय पर प्रोसेसिंग पावर, मेमोरी आदि मिले।
  • Drivers: लिनक्स कर्नेल में बहुत सारे ड्राइवर्स शामिल होते हैं जो विभिन्न हार्डवेयर डिवाइसेस से जुड़े होते हैं, जैसे की प्रिंटर, स्कैनर, वेबकैम आदि।
  • Security: लिनक्स कर्नेल आपके सिस्टम की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है, Unauthorized पहुंच से बचाता है और विभिन्न Applications के बीच अलग-अलग स्तरों पर Permission Provide करता है।

अगर हम एक साधारण तरीके से समझें, तो लिनक्स कर्नेल एक प्रकार का मध्यस्थ है, जो आपके और आपके कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच कनैक्शन बनाता है। जैसे कि जब आप अपने दोस्त से बातचीत करते हैं, तो उस बातचीत को समझने और प्रतिक्रिया देने के लिए एक मध्यस्थ की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार लिनक्स कर्नेल काम करता है।

kernel क्या है ये तो आप जानते ही है ओर Linux kernel को अभी समझा ही होगा तो आपने जाना होगा की दोनों मे ज्यादा फर्क नहीं है।

कर्नेल पैनिक क्या है?(What is Kernel Panic)

kernel क्या है ये तो आप जानते ही है लेकिन कर्नेल पैनिक का नाम सुनते ही आपको लग सकता है कि यह कुछ बड़ी ही गंभीर बात है, और आप बिल्कुल सही हैं।कर्नेल पैनिक तब होता है जब आपके कंप्यूटर का कर्नेल किसी ऐसी स्थिति में आ जाता है जिसे वह संभाल नहीं पा रहा हो।

मान लीजिए, आपका कंप्यूटर एक गाड़ी है और कर्नेल उस गाड़ी का इंजन। अगर इंजन में कुछ बड़ी समस्या आ जाए, तो गाड़ी ठीक से चल नहीं पाएगी। इसी तरह, जब कर्नेल को कोई ऐसी समस्या आती है जिसे वह समझ नहीं पा रहा हो या जिसका समाधान उसके पास नहीं हो, तो वह “पैनिक” मोड में चला जाता है।

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इस समय, कंप्यूटर आपसे कोई भी कार्य नहीं कर पाएगा और आपको सिस्टम को पुनः Restart करना पड़ सकता है। अगर आप अच्छे से समझें तो, यह वह समय है जब आपका कंप्यूटर एसी हालत मे होता है की उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा होता है, उसे restart करने की जरूरत पड़ती है। इसे ही हम कर्नेल पैनिक कहते हैं।

कर्नेल अपडेट कैसे करें? (How To Update Kernel)

जब आप अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर में नई एप्लिकेशन या सॉफ़्टवेयर अपडेट करते हैं, तो आपको इसका अहसास होता है कि आपके उपकरण में कुछ नई चीज़ें आ गई हैं या कुछ समस्याएँ दूर हो गई हैं। इसी तरह, कर्नेल को भी समय-समय पर अपडेट करना जरूरी होता है।

  • रीर्पॉजिटरी अपडेट करें: पहला कदम होता है अपने सिस्टम की रिपॉजिटरी को अपडेट करना। इससे आपको नए Version की जानकारी मिल जाएगी।
  • अपडेट की जांच करें: अपडेट उपलब्ध होने पर उसे इंस्टॉल करने से पहले जांच लें कि वह आपके सिस्टम के लिए सही है या नहीं।
  • Backup ले : किसी भी अपडेट से पहले अपने महत्वपूर्ण डाटा का बैकअप जरूर लें। अगर कुछ गलत होता है, तो आपके पास सभी जानकारी सुरक्षित रहेगी।
  • अपडेट इंस्टॉल करें: अब आप बिना किसी चिंता के कर्नेल अपडेट को इंस्टॉल कर सकते हैं। इसके बाद, सिस्टम को Reboot करें।
  • अपडेट बाद चेक करें: अपडेट होने के बाद, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि सब कुछ ठीक चल रहा है।

सोचिए, कर्नेल अपडेट करना जैसे आप अपनी गाड़ी की service करवा रहे हैं। जैसे गाड़ी की service से गाड़ी सही से चलती है, वैसे ही कर्नेल को अपडेट करने से आपका कंप्यूटर सही से काम करता है।

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निष्कर्ष

यहा हमने kernel क्या है, कैसे काम करता है व इसके types कितने है साथ ही इसे अपडेट कैसे करें ओर kernel Panic क्या है इन सभी की जानकारी यहा दी है। उम्मीद है की आपको दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। यदि इससे जुड़ा कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट मे जरूर बताए। साथ ही article को ज्यादा से ज्यादा share करना न भूले। तब तक के लिये stay curious, stay techy – जय हिन्द

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