Computer का आविष्कार किसने किया? कब किया: एनालिटिकल इंजिन

आज की तारीख में, जब हर कोई अपने मोबाइल और लैपटॉप पर लगातार जुड़ा रहता है, क्या आपने कभी सोचा है कि इस सबका आविष्कार कैसे हुआ? आपके सामने जो स्क्रीन है, वह कैसे काम करती है? हाँ दोस्तों, मैं बात कर रहा हूँ ‘कंप्यूटर’ की! Computer का आविष्कार किसने किया (Invention of Computer) व कब किया।

Computer ने हमारी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। चलिए, इस अद्भुत आधुनिक काल की यात्रा पर निकलते हैं और जानते हैं कि यह सब कैसे शुरू हुआ और आज तक कैसे बदलता रहा। तो, क्या आप तैयार हैं? चलो, फिर शुरू करते हैं।

Computer का आविष्कार किसने किया?(Who Invented Computer)

जब आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर कुछ भी टाइप करते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि इस मशीन का आविष्कार कैसे हुआ? यह जो आधुनिक जगत का जादू है, इसके पीछे कौन था? आइए एक छोटी सी कहानी के माध्यम से जानते हैं।

आपको हैरानी होगी जानकर कि इस आधुनिक युग के पूर्व, 19वीं शताब्दी में, एक अद्भुत आविष्कार की शुरुआत हुई थी। और वह आदमी थे चार्ल्स बैबेज़! हाँ दोस्तों, उसी चार्ल्स बैबेज़ ने ‘Analytical Engine’ का आविष्कार किया, जिसे हम आज कंप्यूटर का जनक(कंप्यूटर का पिता: father of computer) कहते हैं। कितना अद्भुत है ना, कि उस समय की तकनीकी सीमाओं में, बैबेज़ ने इस जबरदस्त मशीन का सपना देखा और उसे साकार किया।

तो अगली बार जब भी आप अपने कंप्यूटर पर कुछ काम करें, तो एक पल के लिए चार्ल्स बैबेज़ को याद करें और सोचें कि आपके सामने जो मशीन है, उसके पीछे वह अद्वितीय और अद्भुत मानसिकता थी। चलो, इस जानकारी को आगे बढ़ाते हैं! Computer का आविष्कार किसने किया या खोज किसने की एक ही बात है(Computer ka avishakar kisne kiya) आप समज ही गये होंगे अब समजते है Analytical Engine बारे मे.

Analytical Engine क्या है?(What is Analytical Engine)

आइए एक छोटी सी यात्रा पर चलते हैं, जिससे आपको एक अद्वितीय मशीन के बारे में पता चलेगा, जिसे ‘एनालैटिकल इंजन’ कहते हैं। ये सुनने में थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन चिंता मत कीजिए, मैं आपको बता रहा हूँ!

जब Charles Babbage ने Analytical engine का विचार सोचा, तो उनका मकसद था एक मशीन बनाना जो स्वचालित(Automatic) रूप से गणना(Calculation) कर सके। अरे, ये वही मशीन थी जिसे हम आज के कंप्यूटर का प्राचीन रूप मानते हैं। इसकी सबसे खास बात यह थी कि यह पेंच कार्ड का इस्तेमाल करके गणना करता था।

अब सोचिए, उस समय में, जब लोग अभी भी अधिकांश काम हाथ से करते थे, वहाँ पर चार्ल्स बैबेज़ ने एक ऐसी मशीन का सपना देखा जिससे ऑटोमेटेड गणना संभव थी। आज की तारीख में हम उसी विचार को आधुनिक रूप में देख रहे हैं, जो चार्ल्स बैबेज़ ने सबसे पहले अनलैटिकल इंजन के रूप में प्रस्तुत किया।

कंप्यूटर का आविष्कार कब हुआ?

आपके मन में यह सवाल आएगा कि जब आप अपने कंप्यूटर पर किसी भी चीज को सर्च करते हैं या कोई गेम खेलते हैं, तो यह सब शुरुआत में कब हुआ था? तो चलिए, इस रहस्य का पर्दाफाश करते हैं। चार्ल्स बैबेज ने 1820s में ‘Difference Engine’ नाम की मशीन बनाई। इस मशीन का मुख्य कार्य गणितीय समस्याओं को हल करना था। कुछ समय बाद, उसने इससे भी अधिक जटिल ‘Analytical Engine’ को डिज़ाइन किया। यह मशीन पूरी तरह से प्रोग्राम को चला सकती थी जो की एक अधिक जटिल और समृद्ध मशीन थी।

कंप्यूटर की जड़ें 19वीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज़ के ‘अनलैटिकल इंजन’ तक पहुँचती हैं। लेकिन आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार 20वीं शताब्दी में हुआ था, और वह भी द्वितीय विश्व युद्ध के समय। इस समय, अलन ट्यूरिंग नामक एक अद्भुत वैज्ञानिक ने ‘ट्यूरिंग मशीन’ का आविष्कार किया, जिसे माना जाता है कि यह पहला डिजिटल कंप्यूटर था।

आज जब आप कंप्यूटर का उपयोग करते हैं, तो सोचें, कि इसका जन्म कैसे हुआ था और वह कितनी मेहनत और सोच के बाद आज आपके सामने प्रस्तुत है। अद्भुत है ना? आइए, इस जानकारी को और गहरे समझते हैं!

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अच्छा, तो क्या आप जानना चाहते हैं कि कंप्यूटर का आविष्कार कैसे हुआ और उसका विकास कैसे हुआ? बिलकुल, आइए गहराई से समझते हैं।

  • चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) – 1820s: वह ‘Difference Engine’ के अविष्कारक माने जाते हैं, जो कि मैकेनिकल कंप्यूटर था और वह संख्या की सारणियों को स्वचालित रूप में जनरेट कर सकता था।
  • चार्ल्स बैबेज – 1830s: वह फिर ‘अनलेटिकल इंजन’ का विचार विकसित किया, जो कि प्रोग्रामेबल मैकेनिकल कंप्यूटर था।
  • अलन ट्यूरिंग (Alan Turing) – 1930s और 1940s: उसने ‘ट्यूरिंग मशीन’ का अविष्कार किया, जो कि थ्योरेटिकली किसी भी गणना को पूरा कर सकता था। उसके बाद, वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश गणना टीम के साथ काम करते हुए, कंप्यूटर के आधुनिक अविष्कार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • जॉन अटानासॉफ (John Atanasoff) और क्लिफोर्ड बेरी (Clifford Berry) – लगभग 1937-1942: इन्होंने ‘अटानासॉफ-बेरी कंप्यूटर (ABC)’ का अविष्कार किया, जो कि पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर माना जाता है।
  • जॉन प्रेस्पर एकर्ट (John Presper Eckert) और जॉन मॉकली (John Mauchly) – 1940s: इन्होंने ‘ईएनआईएसी (ENIAC)’ को विकसित किया, जो कि पहला जनरल-पर्पस इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था।

तो अब तक समज आ गया होगा की computer की खोज किसने की थी व कब की थी। समझिए, जिस तरह से एक बच्चा जन्म लेता है और धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है, वैसे ही कंप्यूटर का विकास हुआ। आज के समय में, हमारे पास स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और टैबलेट्स हैं जो पूरे कंप्यूटर के समान कार्य कर सकते हैं। और ये सब शुरुआती आविष्कारों की वजह से संभव हुआ।

आधुनिक कंप्यूटर और प्राचीन कंप्यूटर में अंतर

अच्छा, सोचिए जैसे आप एक पुरानी विंटेज कार और एक आधुनिक स्पोर्ट्स कार को देख रहे हो। दोनों कारें चलती हैं, लेकिन उनकी Speed, Services, और डिज़ाइन में बहुत अंतर है। वैसे ही प्राचीन कंप्यूटर और आधुनिक कंप्यूटर में भी है। चलिए, इसको और गहराई से समझते हैं।

आकार और डिज़ाइन: प्राचीन कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे और पूरे कमरे में जगह लेते थे। वहाँ तक कि कुछ प्राचीन कंप्यूटर एक पूरी बिल्डिंग के बराबर थे। लेकिन Digital Computer छोटे, पोर्टेबल और डेस्कटॉप साइज़ में आते हैं।

प्रदर्शन और शक्ति: प्राचीन कंप्यूटर बहुत ही सीमित गणना क्षमता वाले थे। जिस तरह की गणना आज का स्मार्टफोन कुछ ही सेकंड्स में करता है, वही गणना प्राचीन कंप्यूटर को घंटों लग जाते थे।

मेमोरी और स्टोरेज: प्राचीन कंप्यूटर में कीलोबाइट्स की मेमोरी होती थी जबकि आधुनिक कंप्यूटर में गीगाबाइट्स और टेराबाइट्स की मेमोरी और उससे भी ज्यादा स्टोरेज वाली आती है।

इंटरफेस और User Experience: प्राचीन कंप्यूटर का इंटरफेस पूरी तरह से कमांड लाइन पर आधारित था। आज के कंप्यूटर में ग्राफिकल इंटरफेस है, जो उपयोगकर्ता को आरामदायक अनुभव प्रदान करता है।

कनेक्टिविटी और नेटवर्किंग: प्राचीन कंप्यूटर में इंटरनेट जैसी सुविधा नहीं होती थी। आधुनिक कंप्यूटर वायरलेस और वायर्ड नेटवर्किंग, और वेब ब्राउजिंग की सुविधाएं प्रदान करते हैं।

आज के समय में, हम जिस तरह से कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह प्राचीन समय के लोगों के लिए कल्पना से परे होता। लेकिन, हर एक आधुनिक तकनीकी उपलब्धि के पीछे उस प्राचीन समय की मेहनत और उन वैज्ञानिकों का योगदान है जिन्होंने इसे संभव बनाया। जब हम अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप को इस्तेमाल करते हैं, तो वह सच में इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा है। अद्भुत है, है ना?

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कंप्यूटर के प्रकार और उनके उपयोग

आपने कभी सोचा है कि जब हम ‘कंप्यूटर’ की बात करते हैं, तो उसके कितने प्रकार होते हैं?(how many types and its uses) जैसे हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार की वाहनें हैं – साइकिल, कार, ट्रक, बस – वैसे ही कंप्यूटर के भी विभिन्न प्रकार हैं जो विभिन्न उपयोगों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। आइए जानते हैं!

  1. Desktop Computer: ये वह कंप्यूटर हैं जो आमतौर पर घरों और कार्यालयों में उपयोग किए जाते हैं। इन्हें एक ठोस स्थान पर रखा जाता है और इसमें विभिन्न Parts होते हैं जैसे मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, और सीपीयू।
  2. Laptop (नोटबुक): ये पोर्टेबल होते हैं और आप इन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं। Students, Employees और यात्री इसका उपयोग अक्सर करते हैं क्योंकि इसमें सभी Parts एक साथ होते हैं।
  3. Server: जब बात होती है बड़े डाटा को Store करने और Share करने की, सर्वर आते हैं। ये वेबसाइट्स और बड़ी कंपनियों के लिए जानकारी Store करते हैं।
  4. Tablet: छोटे स्क्रीन वाले और पोर्टेबल होते हैं, टैबलेट आमतौर पर मीडिया देखने, गेमिंग, और इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए पसंद किए जाते हैं।
  5. Smartphone: हाँ, आप सही समझे! स्मार्टफोन भी एक प्रकार का कंप्यूटर है जिसे हम अपने जेब में रखते हैं। इसमें ऐप्स, वेब ब्राउज़िंग, फोटोग्राफी, और बहुत कुछ होता है।
  6. Super Computer: जब बात होती है विशाल गणना और डाटा प्रोसेसिंग की, सुपरकंप्यूटर सबसे उपर होते हैं। वे मौसम भविष्यवाणी, अंतरिक्ष अनुसंधान, और जीवन विज्ञान में उपयोग होते हैं।

जैसे जैसे समय बदल रहा है, कंप्यूटर के प्रकार और उनके उपयोग भी बदल रहे हैं। आज का युग डिजिटल युग है, और इसमें कंप्यूटर का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आप सोच सकते हैं कि जैसे चाबी हर ताले को खोलती है, वैसे ही कंप्यूटर भी हर क्षेत्र में उपयोगी है। तो अब तक आपने समज लिया होगा की Computer का आविष्कार किसने किया व कब किया था इसका आविष्कारक कोनओ है।

निष्कर्ष

कंप्यूटर ने हमारे जीवन को सरल और तेजी से चलने वाला बना दिया है। चाहे वह घर का काम हो, काम के लिए प्रस्तुतियां, या फिर आपकी पसंदीदा वेब सीरीज़ को देखना, कंप्यूटर हर जगह है।

यहा हमने Computer का आविष्कार किसने किया है व कब किया इसकी पूरी जानकारी दी है। समाप्त करते हुए, मैं बस यही कहूंगा कि टेक्नोलॉजी में और भी अनगिनत संभावनाएँ हैं। इसलिए, कुछ नया सीखने का मन हो, तो रुको मत! क्योंकि जैसा कि हमने सीखा, ज्ञान से ही सब कुछ शुरू होता है। है ना, दोस्त? 😉🖥️ तो मिलते है अगले लेख मे नई जानकारी नए टॉपिक के साथ तब तक stay curious, stay techy.

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