यूट्यूब, दुनिया भर में मशहूर वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म, ने हाल ही में ऑनलाइन गेम्स के क्षेत्र में एक नए प्रोडक्ट की टेस्टिंग की घोषणा की है। इस प्रोडक्ट का ‘Playables’ नाम रखा गया है, और इसके जरिए यूट्यूब उपयोगकर्ताओं को गेमिंग का आनंद लेने की सुविधा प्रदान करेगा। यह विशेष टेस्टिंग के लिए तैयार की गई है, जिसमें स्टैक बाउंस जैसे गेम्स शामिल हैं।
Wall Street Journal की रिपोर्ट
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब ने इस बारे में अपनी पेरेंट कंपनी गूगल के कर्मचारियों को एक ईमेल भेजकर सूचित किया है। यूट्यूब प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन गेम्स को वेब ब्राउज़र पर और गूगल के Android और Apple के iOS मोबाइल डिवाइस के माध्यम से खेला जा सकेगा। यूट्यूब के प्रवक्ता ने बताया है कि कंपनी गेमिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है और वे नए फीचर्स के साथ विभिन्न प्रयोगों पर काम कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इसके बारे में आगे कोई घोषणा नहीं की है। ये पढे: बॉक्स ऑफिस धमाका: सत्यप्रेम की कथा ने संडे को किया बंपर कलेक्शन
Youtube Gaming फीचर
यूट्यूब पर कई उपयोगकर्ता वीडियो गेम्स को स्ट्रीम करते हैं और लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से गेम्स का आनंद लेते हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नील मोहन ने बताया है कि वे विज्ञापनों से मिलने वाले आय में कमी के कारण ग्रोथ के लिए नए क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं, और इसमें ऑनलाइन गेम्स भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को टेस्टिंग के लिए कई गेम्स प्रदान किए हैं, जिसमें से एक है ‘Stack Bounce’ आर्केड गेम। इस गेम में प्लेयर्स को एक बॉल के साथ बने हुए ब्रिक्स को तोड़ना होता है। ऑनलाइन गेमिंग से यूट्यूब को गेमिंग इंडस्ट्री से इंकम प्राप्त करने का एक और माध्यम मिलेगा। ये पढे: Ranveer Singh विडियो Viral: दीपिका, राम चरण, तृषा एक साथ दिखे
इसके अलावा, कंपनी ने कुछ नए फीचर्स की शुरुआत करने की योजना बनाई है। इनमें दक्षिण कोरिया में शुरू होने जा रहा यूट्यूब का पहला शॉपिंग चैनल भी शामिल है। यूट्यूब, जो गूगल की संपत्ति है, पिछले कुछ वर्षों से टिकटॉक के साथ कड़ी टक्कर कर रहा है। पिछले वर्ष के अंत में, यूट्यूब को भारत में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा जब केंद्र सरकार ने कंपनी को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में झूठे दावे करने और फेक न्यूज़ फैलाने के लिए तीन चैनलों को हटाने के लिए कहा था। ये तीन चैनलों को सरकार के प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेकिंग यूनिट ने गलत और भ्रामक जानकारी देने वाले बताया था।